मार्गशीर्ष, कृष्ण प्रतिपदा

कार्तिक माह प्रारम्भ

08 Oct 2025, 11:23 AM

Ujjain

बुधवार

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08 Oct 2025, 11:23 AM
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कार्तिक मास 2025 कब से कब तक है

शरद पूर्णिमा की चाँदनी के साथ ही कार्तिक‑मास की पावन बेला आरम्भ होती है। इसे “विष्णु‑मास” कहा जाता है, क्योंकि प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग‑निद्रा से जागते हैं और तभी से विवाह, गृह‑प्रवेश जैसे मंगल‑कर्म शुरू होते हैं। इस माह गंगा‑स्नान, तर्पण और दीपदान को श्रेष्ठ पुण्यदायक माना गया है; सूर्योदय से पूर्व डुबकी लगाना आत्म‑शुद्धि का अमोघ साधन बताया गया है। पुराणों में वर्णित है कि स्कन्द ने इसी काल में तारकासुर का वध कर अधर्म पर विजय पाई, इसीलिए कार्तिक को विजय‑प्रद मास कहा गया। ऋतुचक्र में यह महीना शरद और हेमन्त का सेतु है, हल्की ठंडक के साथ खेतों की धान‑कटाई पूरी होती है और नई रबी फसल की तैयारी आरम्भ होती है। तुलसी‑विवाह, गोवर्धन‑पूजा और देव दीपावली जैसी परम्पराएँ लोक‑जीवन को विशेष गरिमा देती हैं।

कार्तिक मास 2025 कब से कब तक है

शरद पूर्णिमा की चाँदनी के साथ ही कार्तिक‑मास की पावन बेला आरम्भ होती है। इसे “विष्णु‑मास” कहा जाता है, क्योंकि प्रबोधिनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग‑निद्रा से जागते हैं और तभी से विवाह, गृह‑प्रवेश जैसे मंगल‑कर्म शुरू होते हैं। इस माह गंगा‑स्नान, तर्पण और दीपदान को श्रेष्ठ पुण्यदायक माना गया है; सूर्योदय से पूर्व डुबकी लगाना आत्म‑शुद्धि का अमोघ साधन बताया गया है। पुराणों में वर्णित है कि स्कन्द ने इसी काल में तारकासुर का वध कर अधर्म पर विजय पाई, इसीलिए कार्तिक को विजय‑प्रद मास कहा गया। ऋतुचक्र में यह महीना शरद और हेमन्त का सेतु है, हल्की ठंडक के साथ खेतों की धान‑कटाई पूरी होती है और नई रबी फसल की तैयारी आरम्भ होती है। तुलसी‑विवाह, गोवर्धन‑पूजा और देव दीपावली जैसी परम्पराएँ लोक‑जीवन को विशेष गरिमा देती हैं।