संस्‍कृत से संबंधित रोचक तथ्य(6)

हिंदू धर्म के ज़्यादातर ग्रंथ संस्कृत में ही लिखे गए हैं, और भारत में बोली जाने वाली लगभग सभी भाषाओं की जड़ कहीं न कहीं संस्कृत से ही जुड़ी हुई है। यह हम सबको याद दिलाता है कि हमारी पुरानी विरासत कितनी समृद्ध है, और भविष्य में उसे संभालना और आगे बढ़ाना हमारी ही ज़िम्मेदारी है।

हिंदू धर्म के ज़्यादातर ग्रंथ संस्कृत में ही लिखे गए हैं, और भारत में बोली जाने वाली लगभग सभी भाषाओं की जड़ कहीं न कहीं संस्कृत से ही जुड़ी हुई है। यह हम सबको याद दिलाता है कि हमारी पुरानी विरासत कितनी समृद्ध है, और भविष्य में उसे संभालना और आगे बढ़ाना हमारी ही ज़िम्मेदारी है।

संस्कृत की एक अनोखी विशेषता यह है कि एक ही अर्थ के लिए यहाँ कई शब्द मिल जाते हैं। उदाहरण के लिए, अंग्रेज़ी में ‘love’ शब्द अकेला है, जबकि संस्कृत में प्रेम के लिए लगभग 96 शब्द मौजूद हैं। इससे भाषा की गहराई और उसके व्यापक शब्द-संसार का अनुमान लगाया जा सकता है।

संस्कृत की एक अनोखी विशेषता यह है कि एक ही अर्थ के लिए यहाँ कई शब्द मिल जाते हैं। उदाहरण के लिए, अंग्रेज़ी में ‘love’ शब्द अकेला है, जबकि संस्कृत में प्रेम के लिए लगभग 96 शब्द मौजूद हैं। इससे भाषा की गहराई और उसके व्यापक शब्द-संसार का अनुमान लगाया जा सकता है।

कई शोधों से सिद्ध हुआ है कि संस्कृत, स्पीच थेरपी में बहुत मदद करती है। इस भाषा का अभ्यास एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है और गणित तथा विज्ञान जैसे विषयों को समझने में भी आसानी होती है। यह प्राचीन भाषा हमारे मानसिक विकास को आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है।

कई शोधों से सिद्ध हुआ है कि संस्कृत, स्पीच थेरपी में बहुत मदद करती है। इस भाषा का अभ्यास एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है और गणित तथा विज्ञान जैसे विषयों को समझने में भी आसानी होती है। यह प्राचीन भाषा हमारे मानसिक विकास को आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है।

जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटियों में संस्कृत को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है, और इसे सीखने के लिए छात्रों की इतनी बड़ी संख्या सामने आ रही है कि जर्मन सरकार भी उनकी मांग पूरी करने में चुनौतियों का सामना कर रही है। यह वास्तव में संस्कृत की वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है।

जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटियों में संस्कृत को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है, और इसे सीखने के लिए छात्रों की इतनी बड़ी संख्या सामने आ रही है कि जर्मन सरकार भी उनकी मांग पूरी करने में चुनौतियों का सामना कर रही है। यह वास्तव में संस्कृत की वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है।

संस्कृत, उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्य है। दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक के मत्तुर गाँव में आज भी रोज़मर्रा के जीवन में सब लोग संस्कृत में ही बातें करते हैं। यह सुनकर गर्व भी होता है और यह हमें हमारी पारंपरिक जड़ों से जोड़े रखने का बेहतरीन उदाहरण है।

संस्कृत, उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्य है। दिलचस्प बात यह है कि कर्नाटक के मत्तुर गाँव में आज भी रोज़मर्रा के जीवन में सब लोग संस्कृत में ही बातें करते हैं। यह सुनकर गर्व भी होता है और यह हमें हमारी पारंपरिक जड़ों से जोड़े रखने का बेहतरीन उदाहरण है।

सुधर्मा एक ऐसा विशेष अख़बार है, जो संस्कृत भाषा में 1970 से लगातार प्रकाशित हो रहा है। आधुनिक ज़माने की सुविधा के चलते, अब आप इसे ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं। यह पहल न सिर्फ़ हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत को जीवित रखने में मददगार है, बल्कि नए दौर में उसे आगे बढ़ाने का बढ़िया ज़रिया भी है।

सुधर्मा एक ऐसा विशेष अख़बार है, जो संस्कृत भाषा में 1970 से लगातार प्रकाशित हो रहा है। आधुनिक ज़माने की सुविधा के चलते, अब आप इसे ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं। यह पहल न सिर्फ़ हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत को जीवित रखने में मददगार है, बल्कि नए दौर में उसे आगे बढ़ाने का बढ़िया ज़रिया भी है।

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