पर्वों एवं त्योहारों से संबंधित रोचक तथ्य(5)

भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, इसी दिन ब्रह्रमा जी के पुत्र अक्षय कुमार का भी जन्म हुआ था इसीलिए इसको अक्षय तिथि कहते है। अक्षय तृतीया की तिथि बहुत शुभ मानी जाती है, इस तिथि को बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र-आभूषण खरीदना, वाहन एवं घर आदि खरीदा जा सकता है।

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का पावन विवाह संपन्न हुआ था। इसी यादगार दिवस को हर साल “विवाह पंचमी” के तौर पर मनाया जाता है। इस महत्त्वपूर्ण प्रसंग का उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास की श्रीरामचरितमानस में मिलता है, जहाँ सीता-राम की दिव्य प्रेम-कथा और उनके विवाह की मनोहर झलक प्रस्तुत की गई है।